“कौन यहां रुकना चाहता है”
कौन यहां रहना चाहता है
कौन यहां सहना चाहता है
सब के हैं गम अपने अपने
इस गम के साथ कौन जीना चाहता है
ज़िंदगी लेती है इम्तेहान कई
लाती है जीवन में मेहमान कई
मिलते हैं बिछड़ते हैं हर बार
कौन मिलकर बिछड़ना चाहता है
न कोई किसी...
कौन यहां सहना चाहता है
सब के हैं गम अपने अपने
इस गम के साथ कौन जीना चाहता है
ज़िंदगी लेती है इम्तेहान कई
लाती है जीवन में मेहमान कई
मिलते हैं बिछड़ते हैं हर बार
कौन मिलकर बिछड़ना चाहता है
न कोई किसी...