ग़ज़ल
ये मोहब्बत ये वफ़ा कुछ नहीं बस इक सज़ा
तुम वफ़ा न करना यारो मांगता हूँ मैं दुआ
गिरते आंसू में दिखेगा ये वफ़ा का ज़लज़ला
थाम लेना दिल को अपने हो कभी न ये खता
मेरी मेहबूब मेरी जान तुझ पे मुझको था गुमां
तोड़ा दिल को तोड़ा अरमा भूल बैठे तुम वफ़ा
ये ज़माना क्या कहेगा मैं ने ये सोचा नहीं
घर को छोड़ा सोचकर ये मुझको पाना आसमा
मेरी ग़ज़लें मेरी नज़्मे कहता है हर दुःख मेरा
मेरे दिल पे जो है गुजरा मैंने बस उतना कहा
© Roshan Rajveer
तुम वफ़ा न करना यारो मांगता हूँ मैं दुआ
गिरते आंसू में दिखेगा ये वफ़ा का ज़लज़ला
थाम लेना दिल को अपने हो कभी न ये खता
मेरी मेहबूब मेरी जान तुझ पे मुझको था गुमां
तोड़ा दिल को तोड़ा अरमा भूल बैठे तुम वफ़ा
ये ज़माना क्या कहेगा मैं ने ये सोचा नहीं
घर को छोड़ा सोचकर ये मुझको पाना आसमा
मेरी ग़ज़लें मेरी नज़्मे कहता है हर दुःख मेरा
मेरे दिल पे जो है गुजरा मैंने बस उतना कहा
© Roshan Rajveer