...

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बात करते हैं।
हा... हूं मैं कुछ इस क़दर बदनाम,
लोग शिकायत नहीं,सिगरेट की बात करते हैं।

क्या बात है! तुम बिछड़ने की बात करते हो,
चलो छोड़ो हम कुछ और बात करते हैं।

मिलनेवालों का क्या ही ज़िक्र करना,
जो वफ़ा नहीं करते हम उनकी बात करते हैं।

हमारा अब वास्ता ही नहीं इस दुनिया से,
हम दुनियावालों से दुनिया की बात करते हैं।

एक सुबह को कर गईं,एक शाम एक बेचैन,
हम हर रात को उस बिगड़ती शाम की बात करते हैं।

तुम्हारा जाना तो जैसे एक ज़ख्म था दिल का,
चलो फिर से एक बार मिलने की बात करते हैं।

© वि.र.तारकर.