...

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तिनके।
सायद से एक याद मे एक तिनके टुकड़े पल रहे है।
एक वादे जो तेरे हाथो मे और एक भूली हुई किताब मे जल रहे है।
पन्ने तो पुराने हो चुके है मेहक आज भी बाकी है।
जो वफाओं के सरगम मे बेजान पल रहे है।
गलती गुलाब की नही देने वालो की नादानी है।
उन्ही की कहानी है जो बेहताब जवानों से चल रहे है।
उन्ही की कहानी है...