कविता तू आवाज है कवि की
कविता तू आवाज है कवि की
बीते हुए कल की बात है
तो आने वाले कल की आगाज़ है
कविता तू आवाज है एक कवि की
कवि की तो तू पूरी दुनिया है
कवि अपनी कल्पनाएं तुझ में ही तो पिरोता है कभी नये फूल लगाकर
तो कभी किसी के पुराने मोती...
बीते हुए कल की बात है
तो आने वाले कल की आगाज़ है
कविता तू आवाज है एक कवि की
कवि की तो तू पूरी दुनिया है
कवि अपनी कल्पनाएं तुझ में ही तो पिरोता है कभी नये फूल लगाकर
तो कभी किसी के पुराने मोती...