तू मेरे
तू मेरे ख्वाबों का सरताज हैं।
तू मेरी बेचैनियों का आलम हैं।
तू मेरी फिक्र मेरा जिक्र मेरा
रब मेरी दुआ मेरा जुनून हैं।
तू मेरी सुबह मेरी शाम मेरी
जीने की वजह तू मेरा वजूद हैं।
तू हर एक सवाल का जवाब
है मेरी कहानी का राज हैं।
तू ही मेरी कलम की पहचान
है तू ही कविताओं का अर्थ है।
तू मेरे हर ज़ख्मों का मरहम
मेरे हर दर्द की दवाई है।
तू है मेरी ज़मी मेरा आसमान
मेरी मंज़िल मेरा आशरा तू हैं।
© बेशक मैं शायर नहीं
तू मेरी बेचैनियों का आलम हैं।
तू मेरी फिक्र मेरा जिक्र मेरा
रब मेरी दुआ मेरा जुनून हैं।
तू मेरी सुबह मेरी शाम मेरी
जीने की वजह तू मेरा वजूद हैं।
तू हर एक सवाल का जवाब
है मेरी कहानी का राज हैं।
तू ही मेरी कलम की पहचान
है तू ही कविताओं का अर्थ है।
तू मेरे हर ज़ख्मों का मरहम
मेरे हर दर्द की दवाई है।
तू है मेरी ज़मी मेरा आसमान
मेरी मंज़िल मेरा आशरा तू हैं।
© बेशक मैं शायर नहीं