उलझन
अपने घर में रहते हुए भी
कुछ पराया-सा लग रहा है
ये दुनिया इतनी बडी होकर भी
अकेला-सा लग रहा है।
माना हमने भी जालिम है दुनिया
हमें इतने बंधनो में जखड रखा...
कुछ पराया-सा लग रहा है
ये दुनिया इतनी बडी होकर भी
अकेला-सा लग रहा है।
माना हमने भी जालिम है दुनिया
हमें इतने बंधनो में जखड रखा...