...

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अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस पर

~मां ~

खुशियों का सागर है माँ।
अमृत की गागर है माँ।
धूप कड़ी जब होती है,
साया है, छप्पर है माँ।
ईश्वर का प्रतिरूप है वो,
स्वर्ग से भी बढ़कर है माँ।
घर जैसे एक मंदिर है
जब तक अपने घर है माँ।
दर्द कोई हो दूर करे,
जादू है मंतर है माँ।
सबके दुःख में विह्वल वो,
दया का एक सागर है माँ।
कभी नहीं छोटी पड़ती,
ऐसी एक चादर है माँ।

© इन्दु