शायरी#45
कभी कम कभी ज्यादा
हम पैमाना भरते हैं
कभी गम कभी खुशी
उस में मिलाकर पीते हैं
© Spiritajay
हम पैमाना भरते हैं
कभी गम कभी खुशी
उस में मिलाकर पीते हैं
© Spiritajay