![...](https://api.writco.in/assets/images/category/big/poetry.webp)
9 views
बहते अश्क़ की शौ
एक एसी कश्मकश ,
जहां वक्त करवट बदलते हैं,
पर उम्मीद अरमानों में सजते हैं,
दरवाज़े दस्तक का इंतज़ार करते हैं,
और हम ज़िंदगी गुजर जाने का इंतेज़ार करते हैं!
किसी बहते अश्क़ की शौ,
दुबारा अपने आप से मिलने की ,
कभी गुहार नई करते हैं!
© Five Fifteen
जहां वक्त करवट बदलते हैं,
पर उम्मीद अरमानों में सजते हैं,
दरवाज़े दस्तक का इंतज़ार करते हैं,
और हम ज़िंदगी गुजर जाने का इंतेज़ार करते हैं!
किसी बहते अश्क़ की शौ,
दुबारा अपने आप से मिलने की ,
कभी गुहार नई करते हैं!
© Five Fifteen
Related Stories
10 Likes
3
Comments
10 Likes
3
Comments