एक वही था
एक वही था,जो मेरे आने की खुशी में पागल फिर रहा था,जो मेरी हर जरूरत को पहले से पूरा करने की कोशिश में लगा था,जिसकी गोद में आकर मैंने पहली किलकारी मारी थी,जिसके कंधे पे बैठ के मैंने सारा गांव घुमा था,जो मेरी हर जरूरत में मेरी जेब में पैसे रखता था, जो अंदर से तो मोम पर ऊपर से सख्त लगता था, जिसने अपनी...