...

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मुझे तुम मिल जाओ
अब यही ख्वाहिश है,मुझे तुम मिल जाओ।
सपनो सा सुंदर जहाँ,मेरे संग बनाओ।
विश्वास के खम्बो पर,प्रेम की चारदीवारी बनाओ।
अपनी मधुर संबंधों की छत पर संसार सजाओ।
अब यही ख्वाहिश है,मुझे तुम मिल जाओ।

तुम्हारे प्रेम की रसोई से व्यंजन मुझे चखाओ।
सुख की चादर ले तुम मेरे जीवन पर छा जाओ।
करे प्रगति सुखी जीवन की ओर मेरे गीतों को तुम गाओ।
अब यही ख्वाहिश है,मुझे तुम मिल जाओ।
© BALLAL S //३०/५/२०२४//