...

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जाओ
जाओ जी लो अपनी ज़िंदगी
कर लो दूसरी मोहब्बत
तुम्हें कब मैंने रोका है,

बेवफ़ा निकला मेरा दिल भी
मेरी ही थी ज़रूरत
कौन सा मुझसे नाता है,

ढूंढ सको तो ढूंढ़ लेना ज़िंदगी
पा सको, पा लेना चाहत
बताते क्या मेरी खता है,

मेरी तरह तुम्हें कोई चाह सके
कभी मुमकिन नहीं है मगर
दिल में सिर्फ़ वफ़ा ही वफ़ा है!

© सुधा सिंह 💐💐