गुड़ियों से गुड़िया तक....
आई थी वो मेरे पास
मेरी किताबों को ऐसे निहार रही थी जैसे चाहत हो उसकी
दीवार पर लगे मानचित्र को देख पूछा:हम कहां रहते है इसमें..?
नहीं , कोई बड़ी बुजुर्ग महिला नहीं थी..
एक अच्छे भले परिवार की बेटी थी..13 साल की
कभी मां का आंचल सिर पर रख मां जैसा बनने का शौक रहा था
आज सोलह श्रृंगार कर घूंघट पहने सामने खड़ी थी मेरे
गुडे...
मेरी किताबों को ऐसे निहार रही थी जैसे चाहत हो उसकी
दीवार पर लगे मानचित्र को देख पूछा:हम कहां रहते है इसमें..?
नहीं , कोई बड़ी बुजुर्ग महिला नहीं थी..
एक अच्छे भले परिवार की बेटी थी..13 साल की
कभी मां का आंचल सिर पर रख मां जैसा बनने का शौक रहा था
आज सोलह श्रृंगार कर घूंघट पहने सामने खड़ी थी मेरे
गुडे...