माँ बाप के सिवा
टुट जाती है आजकल प्यार के कसमे वादे..
माँ सा टुट कर दुजा कोई चाहता नही है।
जरव्म हाथो मे हो फिर भी पका के दे..
दर्द की आह भी जुबाँ पर आने ना दे..
ऐसा प्यार दुजा...
माँ सा टुट कर दुजा कोई चाहता नही है।
जरव्म हाथो मे हो फिर भी पका के दे..
दर्द की आह भी जुबाँ पर आने ना दे..
ऐसा प्यार दुजा...