...

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एक तू ही।
दुनिया झूठी लगती है मुझे,
एक तू ही मुझे सच्चा लगता है,

सब पराये पराये से लगते हैं मुझ को
एक तू ही मुझे अपना लगता है,

तेरा असर मुझ पर एसा हुआ है,
एक तू ही बस मुझ को अच्छा लगता है,

जैसे दी मां सीता ने अग्नि परीक्षा
वैसे नहीं देना तुझ को कभी,

मेरे दिल में बहोत पवित्रता है तेरे लिए,
हाँ मैंने तुझ को एक देवी की तरह
प्यार से अपने दिल में तुम्हें सजा रखा है,

जैसे गीता और कुरान है,
उतने ही पवित्र हो तुम मेरे लिए,

तुम खुद को समझो ना कभी गलत,
भगवान जितनी कदर करता हू मैं तुम्हारी,

सच कहु तो ये जो मिली है जिंदगी मेरी,
हक से कहता हू, ये तो है बस तुम्हारी,

क्या कहु तुम को मैं।
भगवान हो तुम मेरे लिए,
तुलसी जितनी पवित्र खुशबु है तुम मे,
पवित्र गंगा जल जितना
तन मन है साफ़ तुम्हारा,

एक तुम ही चाहिए मुझ को,
अच्छा लगता है मुझ को
प्यारा सा साथ तुम्हारा।

हर जन्म मैं लू, तुम्हारे लिए ही
हर जन्म मैं मिलों
मुझ को तुम ही दुबारा।

जो मिले अगला जन्म
मिलों मुझ को तुम ही यारा।

इतने अच्छे लगते हो तुम मुझ को ,
आजकल तुम्हारे बिन
होता ही नहीं है जिदगी का गुजारा।

तुम्हारा मन बड़ा साफ़ बड़ा अच्छा है,
किसी बात की खोट नहीं उसमे।

साथ रहना इस दिल को
बड़ा अच्छा लगता है।
पहली नजर से ही
बहोत पसंद हो मुझे तुम।
हमे तो तुम्हारे हर
अह्सास में प्यार नजर आता है।
देखू जहा, जिधर भी
तेरा ही चेहरा नजर आता है।

आओ तुम पास आकर
गले से लग जाओ मेरे।
कर दु तुम्हारे दुख दर्द तकलीफें दूर।
मेरे दिल को चीर कर देखो तुम
हर धड़कन पर नाम है बस तुम्हारा।

सच कहु तो ये तेरा मेरा साथ
जन्म जन्मों का पुराना है।
हम बंध गए हैं एक पवित्र रिश्ते मे
हम को बस इस पवित्र
बंधन को आगे बढ़ाना है।
कुछ भी हो जाये जिंदगी में
एक दूजे का साथ निभाना है।
कर के एक दूसरे की गलतियों को माफ़
आगे जिंदगी में कदम से
कदम मिलाकर चलते जाना है।
एक दूसरे की दुख दर्द
तकलीफो को बांटना है।



© KRISHAN ☑️