माँ-बाप...!
माँ-बाप आप मेरी सांस हों...,
जिनकी छाव में तपती धूप शीतल हों...,
इस सुंदर दुनियां को देखने का मौका आपने मुझे दिया...,
माँ-बाप आप मेरी आस हों...,
हर ज़िंदगी के पड़ाव में साथ दिया...,
अगर गलती हुई तो मुझे सुधार दिया...,
मुझे मेरे पैरोपे ही नहीं ज़िंदगी जिनको खड़ा किया...,
माँ-बाप आप मेरी शान...
जिनकी छाव में तपती धूप शीतल हों...,
इस सुंदर दुनियां को देखने का मौका आपने मुझे दिया...,
माँ-बाप आप मेरी आस हों...,
हर ज़िंदगी के पड़ाव में साथ दिया...,
अगर गलती हुई तो मुझे सुधार दिया...,
मुझे मेरे पैरोपे ही नहीं ज़िंदगी जिनको खड़ा किया...,
माँ-बाप आप मेरी शान...