...

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प्यार का प्रपोज
ओ परियों की रानी तेरा तहे दिल स्वागत करता हूं
आज तुझे बताऊं तुझसे कितनी मोहब्बत करता हूं।

झील सी आंखों से शर्माना,उन पलकों का झुकना
दिल से तेरे लिए लिखी गजलों की दावत करता हूं।

इन होठों का अमृत रस पीके मैं मदहोश बन जाऊं
तुझे पाने की कोशिश में मैं कहां फुरसत करता हूं?

शौक़ से तेरी जुल्फों! के साये में सोना है जानेमन
तेरे बगैर हर एक पल जिंदगी पर लानत करता हूं।

सारे फूलों की खुशबू भी तेरे आगे मंद पड़ जाती है
लेके तेरी सुंदरता से रंग कुदरत खूबसूरत करता हूं।

इज़हार करूंगा मेरे इश्क का मेरे रोम रोम में बसा
तु हमेशा खुश रहे मेरे ख़ुदा से ये इबादत करता हूं।