"डर, हँसी, गुस्सा, प्यार"...।
डर...
लगता है तुझे खो देने से,
तुझे खो देने के एहसास से भी,
तेरी नाराजगी से भी, तेरे गुस्से से भी,
तेरी चुप्पी से भी, और तेरे झूठी हँसी से भी।
हँसी,
आती है...
जो तेरी पर्वाह नहीं करते है उन पर,
जो तुझे समझ नहीं पाते है उन पर,
जो तुझसे प्यार नहीं करते है उन पर।
...
लगता है तुझे खो देने से,
तुझे खो देने के एहसास से भी,
तेरी नाराजगी से भी, तेरे गुस्से से भी,
तेरी चुप्पी से भी, और तेरे झूठी हँसी से भी।
हँसी,
आती है...
जो तेरी पर्वाह नहीं करते है उन पर,
जो तुझे समझ नहीं पाते है उन पर,
जो तुझसे प्यार नहीं करते है उन पर।
...