#बिखर..
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे ।
शीशा कहा टिकता गिर कर के,
तू टूट जाएगा थोड़ा सबर कर ले ।
टूटे हुए को कितना तोड़ेगा ,
थोड़ा तो रहम कर ले ।
ना जाने कितने सपने तोड़े थे,
उसके लिए अपने छोड़े थे ।
कितना बिखरेगा खुद को समेट ले,
मतलब कि इस दुनिया से दूर तू हो ले ।
कोई ना समझेगा तुझको ,
कोई ना तेरा अपना हैं ।
जिसको ढूंढ रहा है तू ,
वो तो दुनिया से बेगाना है...!
© shirri__
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे ।
शीशा कहा टिकता गिर कर के,
तू टूट जाएगा थोड़ा सबर कर ले ।
टूटे हुए को कितना तोड़ेगा ,
थोड़ा तो रहम कर ले ।
ना जाने कितने सपने तोड़े थे,
उसके लिए अपने छोड़े थे ।
कितना बिखरेगा खुद को समेट ले,
मतलब कि इस दुनिया से दूर तू हो ले ।
कोई ना समझेगा तुझको ,
कोई ना तेरा अपना हैं ।
जिसको ढूंढ रहा है तू ,
वो तो दुनिया से बेगाना है...!
© shirri__