...

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खुशी
चलो आज हम खुशियां
तलाशते हैं , ओर शुरुआत
खुद से करते हैं पता है जब
कभी हमारे यहां बारिश
आती है , मेरे चेहरे पर
एक प्यारी सी मुस्कान अपने
आप ही आ जाती हैं ,
सबकी रोक टोक को अनसुना
कर मै निकल जाती हूं
बेफिक्र , ओर खुद को
पूरी तरह भीगने देती हूं
बारिश में , बारिश की बूंदे
मेरे व्याकुल मन को शांत
कर देती हैं और मुझे जीवन
का एक नया रुख दिखाती हैं
जब मै अपने हाथो में उसे
पकड़ने की कोशिश करती
हूं वो मेरे हाथों से छूट मिट्टी
में मिल जाती है , वो नन्ही
सी बूंद किस तरह एक छोटे से
पौधे को सींच कर एक ,
विशाल वृष बनाती हैं .....

जब कभी मै हिम्मत हारने लगती हूं
अपने घर की उस दीवार की
तरफ देखती हूं जहां एक नन्ही
चिटी , आगे बढ़ने की कोशिश
कर रही हैं पर बार बार उसके
हाथ विफलता ही लग रही है
पर फिर भी वो लगातार प्रयास
कर रही है , अगर वो हार नहीं
मान रही फिर मै कैसे मान
सकती हूं ..........…......, ओर
बस इसी तरह मेरे अंदर एक
नवीन ऊर्जा का आगाज़ होता है

पता है जब हम हद से कुछ
ज्यादा ही मुस्कुराते हैं , असल
में हम उस मुस्कुराहट के पीछे
अपना दर्द छुपाते हैं ....…..

अगर आपको सच्ची खुशी
चाहिए तो उस दर्द को बाहर
लाओ , ओर जितना चाहो रो
लो कोई नही रोकेगा तुम्हे
ये मेरा वादा है ............

पर रोने के बाद तुमने भी करना
एक इरादा है , सिर्फ दुनिया को
दिखाने के लिए नही तुम्हे सच
में मुस्कुराना है ,❤️।

कोशिश तो करो तुम मैने
खुद ही तुम्हारे चेहरे पर आ जाना
है ...
muskaan ✍️ 🌹