...

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जिंदगी से जंग
क्या जीना भला जिंदगी से हार के
खुद से खुद को भला कौन हराएगा
क्या करेगा इस तरह मायूस रहकर
जो तू अपनों के काम भी नहीं आएगा

मरने की तुम सोचते हो
इतना भी क्या डरते हो
भूल गए क्या उन बातों को
जिंदगी भर का साथ निभाने को

यह जिंदगी भी बहुत लंबी है
वक्त-वक्त पर रंग बदलती है
बहुत किरदार हैं इस कहानी के
बस वक्त लेती है यह सब बताने में

इस तरह रिश्ते-नाते तोड़कर
क्या यूं ही तुम चले जाओगे
कुछ तो मुझपर तरस खाओगे
या हमको यूं ही रुलाओगे
© sujit thakur
#darkshadewriter