रंग ख़ामोशी के
ये इल्म शायद मुझे मालूम हुआ इस बंदी के दौर में,
मुख्तलिफ रंग की होती है, न जाने क्यूँ ये ख़ामोशी ।
चिल्ला चिल्ला के टीचर्स कभी बच्चों को खामोश करते थे,
स्कूल की चारदिवारी में, छाई है अजब सी ख़ामोशी ।
पड़ोसी के बच्चों का शोर-गुल और जो आवाज़ें आती थी,
रहता है पड़ोस में शायद कोई, या यूँही पसरी है ख़ामोशी ।
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