कहीं ऐसा न हो...
कहीं ऐसा न हो !
कि वो हमारा चेहरा भुलाए बैठे हों
और हम उनसे आस लगाए बैठे हों
की वो किसी और का सपना देखें
और हम उनका सपना सजाए बैठे...
कि वो हमारा चेहरा भुलाए बैठे हों
और हम उनसे आस लगाए बैठे हों
की वो किसी और का सपना देखें
और हम उनका सपना सजाए बैठे...