...

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मेरे बचपन के दिन 😚😚🥺🥺
चला गया, चला गया,
अपनी सुनहरी यादें छोड़ गया,
मेरा बचपन अब चला गया।

वो भी क्या दिन थे,
लाते थे मेरे परदादा किसमिस,
और जानबूझकर रखते थे अपने कुर्ते की जेब में,
ताकि खाऊ मैं ,निकाल कर चुपचाप से,
देखती रहती गुटर गुटर और खाती रहती गप गप,

चले गए, चले गए,
मेरे प्यारे परदादा चले गए 🥺🥺,
अपने साथ मीठी सी यादें छोड़ गए।

इकलौती बेटी थी, पूरे खानदान में,
सबकी लाडली थी,
वजन इतना कि कोई,
हवा का झोंका उड़ा ले जाए,
खेलना बहुत पसंद था मिट्टी में, 😚☺️☺️

लेकिन अभी भी बचपन कुछ बचा था,
पांचवी ,छठी कक्षा में मिलते थे तीनों बहन भाइयों को दो रुपए,
खुश ऐसे होते जैसे कोई खजाना मिल गया हो,
जाते थे दुकान पर शोर मचाते हुए बाजे की तरह,
दो रुपए की टॉफी लेकर आते थे राजा की तरह,

चले गए ,चले गए,
दो रुपए वाले दिन चले गए,
अपने साथ मीठी सी यादें छोड़ गए।

बेसब्री से संडे का इंतजार करना,
छोटे पर कुछ भी काम ना करना,
10:00 बजे तक सोना,
जब तक पापा का यु प्यार से ना थपथपाना, और कहना बेटा उठ जा,
फ़िर अंगड़ाई लेकर स्टाइल से जागना,
और पापा को देखकर प्यार से मुस्कुराना,☺️☺️

चली गई, चली गई,
10:00 बजे तक सोने की आदत चली गई,
अपने साथ मीठी सी यादें छोड़ गई,

आखिर मेरा बचपन,
चला गया ,चला गया 🥺🥺,
अपनी सुनहरी यादें छोड़ गया,
मेरा बचपन अब चला गया 🥺🥺


© Doraemon ☺️☺️