...

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लफ़्ज़ हैं.
तुमने मुझको ठुकराया है तो फिर शायद, मुझसे बेहतर ही कोई चुनना होगा।
मैंने तो तुमको खुदा माना, उसने शायद इस से ऊंचा दरजा तुम्हें दिया होगा।

मैं तो लिख सकता हूँ तुम्हारी अदाओं पर, कई गीत कई कविताएँ मगर।
उसने शायद इस से भी हसीन कोई तोहफा तुमको मोहब्बत का दिया होगा।