पर मैं पढ़ूंगी
सपने जो रोज देखती थी आज वो साकार हो गया
मैं चली नाम दर्ज कराने मुझे शाला से बुलावा आ गया।
चंदन, टीका लगा कर मैं शाला में प्रवेश पाई
मीठा -मीठा व्यंजन मिला,मै मन ही मन हर्षाई।
पुस्तक मिले, गणवेश मिला,मत पूछिए कितनी खुश...
मैं चली नाम दर्ज कराने मुझे शाला से बुलावा आ गया।
चंदन, टीका लगा कर मैं शाला में प्रवेश पाई
मीठा -मीठा व्यंजन मिला,मै मन ही मन हर्षाई।
पुस्तक मिले, गणवेश मिला,मत पूछिए कितनी खुश...