रुके ना तू थके ना तू
#writcopoemchallegene
धरा हिला , गगन गुंजा
नदी बहा , पवन चला
विजय तेरी , विजय तेरी
ज्योति-सी जल , जला
बुझा बुझा , फड़क फड़क
रक्त में धड़क-धड़क
धनुष उठा प्रहार...
धरा हिला , गगन गुंजा
नदी बहा , पवन चला
विजय तेरी , विजय तेरी
ज्योति-सी जल , जला
बुझा बुझा , फड़क फड़क
रक्त में धड़क-धड़क
धनुष उठा प्रहार...