...

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माँ.....
माँ ममता का सागर है
पहाड़-सा विश्वास है ।

माँ बरसती बारिश सी
बूंद-बूंद में मीठा जल है ।

माँ रिमझिम फुहारें सी
स्नेह है, करुणा है, धैर्य है ।

माँ निस्वार्थ बहती सी
नदी है, झरना है, झील है ।

माँ पुष्प-पुष्प में खिली सी
श्वास है, हवा है, इत्र है ।

माँ...