दीवारें....
हाथ धरे छाती पर
किस दुविधा में पड़ी हैं
देखो तो हर तरफ़ कैसे
ऊँची दीवारें खड़ी हैं
चुपचाप खड़े हैं हम तुम
हाथों में हथकड़ी हैं
धक्का मुक्की हर तरफ
और...
किस दुविधा में पड़ी हैं
देखो तो हर तरफ़ कैसे
ऊँची दीवारें खड़ी हैं
चुपचाप खड़े हैं हम तुम
हाथों में हथकड़ी हैं
धक्का मुक्की हर तरफ
और...