आदरणीय सुधा मां
सुधा मां के जितना कोई सरल नही
उनके जैसा कोई निर्मल नही
वक्त अनुसार अग्नि ज्वाला बन जाती है
फिर ममत्व से सबको अपनाती है
इंसान हो या जानवर
सबके पेट की आग बुझाती है
आदि से अंत तक
सबको संभालना...
उनके जैसा कोई निर्मल नही
वक्त अनुसार अग्नि ज्वाला बन जाती है
फिर ममत्व से सबको अपनाती है
इंसान हो या जानवर
सबके पेट की आग बुझाती है
आदि से अंत तक
सबको संभालना...