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"आया दिन आजादी का"
आया दिन आजादी का,
चलो आजादी से बात करें,
कुछ पंक्तियों के जरिए,
इस देश को अर्पित कुछ सौगात करें,
इस देश की आजादी के लिए,
जवानों ने अपना सर्वत्र लुटाया है,
ना जान की परवाह की अपनी,
ना अपने सिर को कभी झुकाया है,
जो आजादी का सपना था,
इस मुल्क ने पूरा करके दिखाया,
अंग्रेजी फिरंगीयों के कब्जे से,
शहीदों ने हमें आजादी को दिलाया,
जिस दिन के लिए वीर भगत,राजगुरु,सुखदेव ने,
हंसते-हंसते मौत को गले लगाया था,
उस दिन इंकलाबी सोच ने,
अंग्रेजों का दिल दहलाया था,
आजादी के लिए इस देश में,
कई बड़े विद्रोह हुए थे,
मंगल पांडे से वीर गुलामी को इनकार करके,
हंसते हुए सूली पर चढ़े थे,
कैसा होगा वो मंजर,
जब रानी लक्ष्मीबाई ने तलवार उठाई होगी,
अंग्रेजी शासन को उस दिन,
नारी शक्ति की झलक दिखाई होगी,
खून से लथपथ बहने थी उस दिन,
भाइयों की सूनी कलाई थीं,
मां बेटों ने साथ मिलकर उस दिन,
अंग्रेजों से लड़ी लड़ाई थी,
इस धरती ने भी,
बड़ी भयानक बर्बादी को देखा है,
मरे कई वीर शहीद तब हम सब ने,
इस आजादी को देखा है,
कोई कैसे भूले उधम,राणा और अवंती बाई को,
जड़ से उखाड़ कर फेंका है उन सब ने उपजी हर बुराई को,
(शत् शत् नमन है भारतीय वीर वीरांगनाओं को)
© ✍️ EK SHAYAR-S K ROY