उम्मीद का परिंदा!
ये वो चीज है जो
मां- बाप अपने बच्चो पर करते है
की यही बच्चे बुढ़ापे में हमें संभालेंगे।।
एक देश ,एक युवा पर करता है
की अपने देश का नाम रोशन करेगा।।
एक बहन अपने भाई पर करती है
की वो मेरे बाद मम्मी - पापा को संभालेगा ।।
ऐ मेरे मालिक तुझसे यही दुआ है
ये उम्मीद का परिंदा ...यूहीं उड़ता रहे।।।
© #poetry_dil_se
मां- बाप अपने बच्चो पर करते है
की यही बच्चे बुढ़ापे में हमें संभालेंगे।।
एक देश ,एक युवा पर करता है
की अपने देश का नाम रोशन करेगा।।
एक बहन अपने भाई पर करती है
की वो मेरे बाद मम्मी - पापा को संभालेगा ।।
ऐ मेरे मालिक तुझसे यही दुआ है
ये उम्मीद का परिंदा ...यूहीं उड़ता रहे।।।
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