तेरा जज्बा
अपनी लगाम वाली सोच से, है तुझे उभरना… न कि उससे सिर्फ जूझना ।
आंधी कोई भी आए, अंदर के चिंगारी को अपने, मत देना कभी तुम बुझना ।।
तेरा जो ये जज्बा है, हमेसा करता रहेगा तुझे करीब, अपने मकसद की ओर ।
पर इसके लिए, लगाना होगा तुझे बखुबी, अपनी पूरी एड़ी चोटी की जोर...
आंधी कोई भी आए, अंदर के चिंगारी को अपने, मत देना कभी तुम बुझना ।।
तेरा जो ये जज्बा है, हमेसा करता रहेगा तुझे करीब, अपने मकसद की ओर ।
पर इसके लिए, लगाना होगा तुझे बखुबी, अपनी पूरी एड़ी चोटी की जोर...