आज की सियासत के नाम ~
सियासत में हैं कैसी लाचारियां।
अदाकारियां ही अदाकारियां।
हैं माहिर बदलने में पाला सभी,
हैं कुर्सी की भूखी वफ़ादारियां।
इन्हें चाहिए मुर्ग बिरयानी अब,
इन्हें अब कहाँ भाती तरकारियां।
उन्हीं की...
अदाकारियां ही अदाकारियां।
हैं माहिर बदलने में पाला सभी,
हैं कुर्सी की भूखी वफ़ादारियां।
इन्हें चाहिए मुर्ग बिरयानी अब,
इन्हें अब कहाँ भाती तरकारियां।
उन्हीं की...