अंसुवन धार...
मन में बसे मेरे अभिराम,
तन बस जपे "शिव" का नाम,
आँखियन बहे अंसुवन धार,
मुख ललाट चंदन यादगार,
केश कुंज हुए पुष्प सुशोभित,
स्मृति व्याख्या करे नियोजित....
भावार्थ:-
मेरे महादेव!!
मेरे चित्त में बस आप ही विराजित हैं,
ये...
तन बस जपे "शिव" का नाम,
आँखियन बहे अंसुवन धार,
मुख ललाट चंदन यादगार,
केश कुंज हुए पुष्प सुशोभित,
स्मृति व्याख्या करे नियोजित....
भावार्थ:-
मेरे महादेव!!
मेरे चित्त में बस आप ही विराजित हैं,
ये...