और भला होगा कौन
*और भला होगा कौन*
सखा रूप सुन्दर उसका, मेरे मन को भाया
मेरा एकांकीपन उसने, संगी बनकर मिटाया
हर बात मेरी सुनकर, नेक राय मुझको देता
पल भर में वो मेरे, जीवन के दुख हर लेता
सांझी मेरे दुख सुख का, साथ सदा चलता
उसका सहयोगी भाव, उम्र भर न बदलता
मदद सदा मेरी करता, लेकर भाव समर्पण
मेरे कष्ट मिटाने को, करता...
सखा रूप सुन्दर उसका, मेरे मन को भाया
मेरा एकांकीपन उसने, संगी बनकर मिटाया
हर बात मेरी सुनकर, नेक राय मुझको देता
पल भर में वो मेरे, जीवन के दुख हर लेता
सांझी मेरे दुख सुख का, साथ सदा चलता
उसका सहयोगी भाव, उम्र भर न बदलता
मदद सदा मेरी करता, लेकर भाव समर्पण
मेरे कष्ट मिटाने को, करता...