...

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कृष्णा
हे माधवा
बासुरी बजाकर तुमने है सबको भुलाया
राधा के मन को है तुमने भाया
रुक्मिणी के दिल मे हो तुम समए
गोपिया भी तुम पर है मोहित सारे
मेरे श्याम बिना तुम्हारी बासुरी सुने ही हम होगाए तुम पर लुबद्ध
अगर तुम्हारी मुरली हम भी एक बार सुन लेते तो हम भी हो जाते शुद्ध

©Mudhang Geeta