व्यवधान
विरह के प्रणय पथ पर
मिलने के असंख्य वचन..
अब मन में मिथ्या लगते है ।
देखने के त्वरित प्रयत्न..
अब नेत्रों में खंजर लगते है ।
नित्य बहते आंसू का स्वाद..
अब खारा समुद्र...
मिलने के असंख्य वचन..
अब मन में मिथ्या लगते है ।
देखने के त्वरित प्रयत्न..
अब नेत्रों में खंजर लगते है ।
नित्य बहते आंसू का स्वाद..
अब खारा समुद्र...