वो किसान था, जाने क्यों हार गया,,
पैदा हुआ था एक छोटे से घर में, जहां अंधेरा सा रहता था,,
माता – पिता की स्थिति को देख, वो उदास सा रहता था,,
सोचा था बड़ा होकर, बनूंगा एक कलेक्टर या अफसर,
पर बाप की मौत से उसे जिंदगी ना पार गया,
वो किसान था, जाने क्यों हार गया।।
बड़ा होकर बना किसान वो, अपने पिता को जो खोया था,,
मां की सेवा करने का प्रण लेकर, खेत में बीज बोया था,,
पर शायद वो इस जहां के खेल से बेरुख सार गया,,
वो किसान था, जाने क्यों हार गया।।
अब...
माता – पिता की स्थिति को देख, वो उदास सा रहता था,,
सोचा था बड़ा होकर, बनूंगा एक कलेक्टर या अफसर,
पर बाप की मौत से उसे जिंदगी ना पार गया,
वो किसान था, जाने क्यों हार गया।।
बड़ा होकर बना किसान वो, अपने पिता को जो खोया था,,
मां की सेवा करने का प्रण लेकर, खेत में बीज बोया था,,
पर शायद वो इस जहां के खेल से बेरुख सार गया,,
वो किसान था, जाने क्यों हार गया।।
अब...