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वो परियों की भी रानी परी लगती है.
समुंदर भी कम गहरा लगता है,
जब मेहसूस करता हूं प्यार का नशा उनमें,
काजल की नाव बचा लेती है हमें,
जब डूबने लगता हूं उनकी हसीन आंखों में,

गुलाब के फूल से भी मुलायम है,
लाल रसिले होंठ उनके है,
ख़ूबसूरत मोतियों की माला दिखती है जब,
नायब सी मुस्कान पर तिल सज़ाये वो रखती है,

कोयल से भी मधुर उनकी बोली है,
कानो से मन को सुकून दे जाती है,
जब नाम हमारा जुबान से लेती है,
दिल हमारा जोर जोर से धड़काती है,

नाक पर गुस्से का एक रंग है,
तो कभी रूठ जाने का स्वांग है,
उफ्फ गालो पर उनके लज्जा की चादर है,
देखे उनकी तरफ कोई भी तो उनमें ही खो जाता है,

जब जुल्फे भी उनका चेहरा देखने झुक जाती है,
खुबसूरती बढ़ा ने की वजह बन जाती है,
चमकिले लंबे नाखुन भी हमारा ध्यान भटकाते है,
जब अदा से जुल्फे वो अपने नाज़ुक हाथों से हटाती है,

दिल की बहोत साफ और नटखट है,
शब्द भी कम पढ़ जाए तारीफ में इतनी नायब है,
दिल मेरा उनकी तरफ खीचा चला जाता है,
परियों की भी रानी परी लगती है,

वो परियों की भी रानी परी लगती है.

© Rahul Naik⚡