बात करते करते तेरी...
बात करते करते तुझसे रात बदल जाती है,
कैसी भी गुफ्तगू हो मेरी जुस्तजु बदल जाती है,
तू ना भी हो अब तो करलेते है खुद से बातें तेरी,
सजाता हे महफ़िल कमरा मेरा दीवारें बदल जाती हैं,
जैसे तैसे...
कैसी भी गुफ्तगू हो मेरी जुस्तजु बदल जाती है,
तू ना भी हो अब तो करलेते है खुद से बातें तेरी,
सजाता हे महफ़िल कमरा मेरा दीवारें बदल जाती हैं,
जैसे तैसे...