...

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कविता
#कविता दिवस की बधाई#

आज लिखूँ में "एक" ऐसी कविता

जो मन का श्रंगार बने ..

वाणी - वीणा का हार बने !

मन की एक मनुहार बने

या

सपनो का एक द्वार बने !!



आज लिखुँ मैं एक ऐसी कविता .....

मन की प्रीत का द्वार बने

या
शब्दो की मनुहार बने !!
© रविन्द्र "समय"