लिखना कोई बोझ नहीं ये तो भावनाओं की अभिव्यक्ति है।
लिखना शायद नादानी है ।
पर ये नादानी अच्छी है।
गैरो से उम्मीद करने से अच्छा
लिखने की नादानी है ।
घुट घुट के जीने से अच्छा
जीना सीख लिया जाए।
चल आगे बढ़कर कुछ
पन्ने अपने लिए लिखकर
सजाए।
...
पर ये नादानी अच्छी है।
गैरो से उम्मीद करने से अच्छा
लिखने की नादानी है ।
घुट घुट के जीने से अच्छा
जीना सीख लिया जाए।
चल आगे बढ़कर कुछ
पन्ने अपने लिए लिखकर
सजाए।
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