बेवफा
खुद से या खुदा से तू किस से छुपा रहा है
महोब्बत है तुझे या बस यूं ही हक जमा रहा है
दूरियां जो तुम्हे आजकल भाने लगी हैं
बात कर के फिर क्यूं रहम खा रहा है
यूं बातें छुपाना, देर तक घर न आना
बता जरा ये परंपरा कब से निभा...
महोब्बत है तुझे या बस यूं ही हक जमा रहा है
दूरियां जो तुम्हे आजकल भाने लगी हैं
बात कर के फिर क्यूं रहम खा रहा है
यूं बातें छुपाना, देर तक घर न आना
बता जरा ये परंपरा कब से निभा...