साथी ..।।
सांसों से सांसों को बांधू,
तेरे मन में अलख जगाऊं
लेकिन बिन तुझको देखे
साथी चैन कहा से पाऊं।।
नित नूतन श्रृंगार करे मेरा मन
नित तेरी यादों से महके
तू एक फूल बने साथी
और मैं तेरी खुशबू बन जाऊ।।
इस सावन में सावन तुझसे
मेरे मन की आशा तुझसे
तेरे...
तेरे मन में अलख जगाऊं
लेकिन बिन तुझको देखे
साथी चैन कहा से पाऊं।।
नित नूतन श्रृंगार करे मेरा मन
नित तेरी यादों से महके
तू एक फूल बने साथी
और मैं तेरी खुशबू बन जाऊ।।
इस सावन में सावन तुझसे
मेरे मन की आशा तुझसे
तेरे...