साथी ..।।
सांसों से सांसों को बांधू,
तेरे मन में अलख जगाऊं
लेकिन बिन तुझको देखे
साथी चैन कहा से पाऊं।।
नित नूतन श्रृंगार करे मेरा मन
नित तेरी यादों से महके
तू एक फूल बने साथी
और मैं तेरी खुशबू बन जाऊ।।
इस सावन में सावन तुझसे
मेरे मन की आशा तुझसे
तेरे तन मन को राहत देने
मैं बारिश की बूंदे बन जाऊ ।।
लेकर नाम तेरा ये सांसे
सजती और सवरती है
तू यू लगती है जैसे
एक सुबह जमी पे उतरती है
तू बन ख्वाब मेरी आंखों का
मैं तेरी नींदे बन जाऊ ।।
जीतना भी है कम लगता है
जब तू नही तो गम लगता है
तू छू ले अपने हाथो से
तो खुद को पूरा कर पाऊं।।
तू बर्फ बर्फ मैं आग आग
जल जल कर हो रहा ख़ाक
तू जल दे अपने अधरो से
साथी मैं शीतल हो जाऊ।।
© naren@
तेरे मन में अलख जगाऊं
लेकिन बिन तुझको देखे
साथी चैन कहा से पाऊं।।
नित नूतन श्रृंगार करे मेरा मन
नित तेरी यादों से महके
तू एक फूल बने साथी
और मैं तेरी खुशबू बन जाऊ।।
इस सावन में सावन तुझसे
मेरे मन की आशा तुझसे
तेरे तन मन को राहत देने
मैं बारिश की बूंदे बन जाऊ ।।
लेकर नाम तेरा ये सांसे
सजती और सवरती है
तू यू लगती है जैसे
एक सुबह जमी पे उतरती है
तू बन ख्वाब मेरी आंखों का
मैं तेरी नींदे बन जाऊ ।।
जीतना भी है कम लगता है
जब तू नही तो गम लगता है
तू छू ले अपने हाथो से
तो खुद को पूरा कर पाऊं।।
तू बर्फ बर्फ मैं आग आग
जल जल कर हो रहा ख़ाक
तू जल दे अपने अधरो से
साथी मैं शीतल हो जाऊ।।
© naren@