...

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अब बस
जीने की चाहत में भरी,
दिल के जख्मों से भरी,
रातें गुज़र जाती हैं,
बस यादों की सहारे।

खोये ख्वाबों की धूप में,
आँसुओं की छाँव में,
दिल बिखर जाता है,
और तन्हाई से लड़ा करता है।

चुपचाप दर्द को छुपाकर,
मुस्कान का मुखौटा लगाकर,
जिए जा रहा हूँ,
पर कहानी अधूरी रह जाती है।
© veeraa