तुम्हारी दोस्त
तुम्हारी दोस्त...
चलो यहां बैठते हैं
कुछ बात करते हैं,
कुछ अपनी बताओ
कुछ हम अपनी कहते हैं,
कहो तो घूमते हैं यहां - वहां
बस यूं ही टहलते हैं,
जो कुछ मन में आए बोल
दबे राज़ आज खोल दे,
रोने हंसने के किस्सों को
हमारे किस्सों में जोड़ दे,
कभी ये न कहना अकेली हूं
भूलना नहीं मैं तुम्हारी सहेली हूं...
© Rishali
चलो यहां बैठते हैं
कुछ बात करते हैं,
कुछ अपनी बताओ
कुछ हम अपनी कहते हैं,
कहो तो घूमते हैं यहां - वहां
बस यूं ही टहलते हैं,
जो कुछ मन में आए बोल
दबे राज़ आज खोल दे,
रोने हंसने के किस्सों को
हमारे किस्सों में जोड़ दे,
कभी ये न कहना अकेली हूं
भूलना नहीं मैं तुम्हारी सहेली हूं...
© Rishali