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मेरा बचपन मेरी यादें


मेरी छोटी छोटी शैतानी सबको करती परेशान
मेरी मीठी सी बोली सबको मुस्कुराती सुबह शाम
दादा की लाठी से मैं करती हूं शैतानी
दादी के चश्मे से करती हूं छेड़खानी
सब मुझसे होते जब परेशान
मेरे छोटे छोटे नन्हे पांव सबको करते परेशान
रिमझिम बारिश में होती
नावों की होती शुरुआत
बहुत सुहानी लगती बचपन की है याद
जो मिट्टी के खिलौने थे मेरे
करते मेरी मां को परेशान
मिट्टी खा कर आ गया मेरा छोटा सा शैतान
ज़ब तितलियों को मैं देख कर उनके पीछे जाती थी जब मैं करती थी अपने प्यारे पापा को परेशान
मेरा बचपन मेरी यादें
कितना हसीन था मेरी यादों का वो एहसास
बेटी नहीं थी मैं सबकी दिलों की थी जान

-----ममता

Mera Bachpan ❤️😘☺️☺️