बस तुम्हारा हो जाना है...
कितना कुछ
कह जाते हैं
नज्म की शकल में
ये ख़त तुम्हारे
ठिठुरती रातों में
हर शब्द
चाय की गर्म घूँट सी
उतरती चली
जाती है जेहन में ,
...
कह जाते हैं
नज्म की शकल में
ये ख़त तुम्हारे
ठिठुरती रातों में
हर शब्द
चाय की गर्म घूँट सी
उतरती चली
जाती है जेहन में ,
...